मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण युवाओं और किसानों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है - अध्यक्ष, केवीआईसी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की "स्वीट क्रांति" पहल के तहत केवीआईसी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रहा है।
नवीनीकृत इकाई का वार्षिक शहद प्रसंस्करण लक्ष्य 100 टन है, जिसकी अनुमानित कीमत 600 लाख रुपये है।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने 4 अक्टूबर 2024 को पुणे में नवीनीकृत शहद प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किया।
पुणे, 4 अक्टूबर 2024:
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने केवीआईसी के केंद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान और प्रशिक्षण द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को पुणे में नवीनीकृत शहद प्रसंस्करण इकाई संस्थान का उद्घाटन किया।
अपने उद्घाटन भाषण में अध्यक्ष श्री मनोज कुमार जी ने मधुक्रांति के महत्व पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में,खादी और ग्रामोद्योग आयोग देश के बेरोजगार युवाओं व किसानों के लिए अलग अलग रोजगारोंमुखी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कर रहा है जिसमे शहद प्रसंस्करण का प्रशिक्षण देना एवं टूलकिट आदि का संवितरण भी शामिल है ।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान से प्रेरित होकर केवीआईसी ने दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए आधुनिक मधुमक्खी पालन की शुरुआत की और इसे लोकप्रिय बनाया। यह पहल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा "श्वेत क्रांति" के साथ-साथ "मीठी क्रांति" की आवश्यकता के लिए किए गए आह्वान के अनुरूप है, जिसके परिणामस्वरूप मधुमक्खी पालन उद्योग के विकास के लिए हनी मिशन कार्यक्रम शुरू किया गया।
एचपीपी के परीक्षण के दौरान 100 किलोग्राम अजवाइन और 200 किलोग्राम मल्टीफ्लोरल शहद का प्रसंस्करण किया गया और उद्घाटन समारोह के समय 300 किलोग्राम मल्टीफ्लोरल शहद का प्रसंस्करण किया गया तथा 600 किलोग्राम शहद बोतलबंद कर ब्रांड नाम "खादी हनी" के साथ लेबल किया गया ।
इस ट्रेडिंग इकाई की प्रसंस्करण क्षमता 300 किलोग्राम प्रतिदिन (8 घंटे की शिफ्ट) है, और वार्षिक शहद प्रसंस्करण का लक्ष्य लगभग 100 टन (1.00 लाख किलोग्राम) रखा गया है, जिसका अनुमानित विक्रय मूल्य 600.00 लाख रुपये होगा। शहद की गुणवत्ता विशेष ग्रेड (20% से कम नमी) के रूप में बेची जाएगी।
कार्यक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वात्सल्य सक्सेना के साथ ही मधुमक्खीपालक, मधुउद्योजक, मधुमक्खी वैज्ञानिक, प्रशिक्षणार्थी और राज्य कार्यालय, केवीआईसी महाराष्ट्र के अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
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